Sunday, March 15, 2015

आज्माइएश और अजाब

Bahut khub आज्माइएश और अजाब:::::: मुस्लिम सोच रहे हैं कि आज हम पर जो हालात बर्मा ,भारत ,सीरिया ,इराक ,फलीस्तीन में है वो आजमाइश हैं !!!!! अगर मुस्लिम साबित कदम अपने दीन पर हों और तब मुश्किलें ,परेशानियाँ आयें तब इसको आजमाइश कहा जाता | मगर आज मुस्लिम बद दीन हो चुके हैं ...फिरकों में बंटे हैं ...हक तलफी ,हराम खोरी ,शराब खोरी ,झगड़े फसाद आम हो चुके हैं .... इस्लाम से बहुत दूर निकल चुके हैं ...शिया- सुन्नी -देवबंदी -बरेलवी इख्तिलाफ हद से ज्यादा बढ़ चुके हैं ...एक दुसरे को गाली गलोज ,,खून रेजी बढ़ रही है ( सिरिया ,इराक,पाक . ) ,,तब मुसीबतें ,परेशानियाँ आयीं हैं तो क्या इनको भी आजमाइश समझा जायगा ???? मुझे ''''पढ़े-लिखे'''' मुसलमानों से यह उम्मीद नहीं थी | अफ़सोस हम इतना गिर चुके हैं कि हमको अजाब भी आजमाइश नजर आ रही है | यह है ''पढ़े-लिखे''' मुसलमानों का मेंटल लेवल | आज यह कोम यह भी नहीं सोच पा रही है कि आखिर हमारी बर्बादी ,जिल्लतों की वजह क्या है कि अजाब भी आजमाइश नजर आ रहा है | अगर यही हाल रहा तो अगले 50 सालों तक मुस्लिमो को बर्मा ,गुजरात ,सीरिया ,इराक ,फलीस्तीन जेसे हालातों का सामना करना पड़ेगा और 20~30 लाख मुसलमानों का कत्ल हो सकता है (सीरिया शिया - सुन्नी संघर्ष में अभी तक 270000 लोग मर चुके हैं ) | मुसलमानों क्या अप लोग सिखों से भी सीख हासिल नहीं कर सकते कि उनके साथ 1984 में सिर्फ एक बार जुल्म हुआ और इसके बाद उन्होंने खुद को बदला हालत को समझा और खुद को ताकतवर ,नेक और एक बनाया ...नतीजा आपके सामने है कि सिख भारत की सबसे मजबूत,ताकतवर और पक्की धार्मिक कौम है | क्या आप लोग यहूद से भी गये गुज़रे हो गये हो कि एक बार हिटलर ने उन पर जो तबाही ,जिल्लत के पहाड़ तोड़े ...मगर यहूद ने फिर हालत को समझा ,खुद को बदला ...तालीम और तकनीक में खुद को दुनिया में सबसे अव्वल बनाया और नतीजा आपके सामने है कि कुछ मुट्ठी भर यहूदी ने सिर्फ 1.70 करोड़ मुस्लिमों पर भरी है बल्कि पूरी दुनिया पर उनकी हुकूमत है बेचारे मुसलमान अज़ाब और आजमाइश में भी फर्क नहीं समझते | अभी 50 साल तो मुसलमानों फिरकों से बाहर निकलने और यह सोचने में ही लग जायंगे कि आखिर हम बर्बाद क्यों होते जा रहे हैं | फिरके तो हिन्दू-ईसाई -यहूद में भी होते हैं मगर उनको इससे कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि वह जानते हैं कि सही -गलत का फेंसला उपर वाला करेगा ...मगर मुसलमान एक दुसरे को काटकर दुनिया में ही कयामत से पहले कयामत बरपा कर देना चाहते हैं | १. फिरका परस्ती वाले मुल्लाओं और उनकी लिखित मिलावटी किताबों को छोड़ कर ...उस किताब ए खुदा की और लोटो जिसकी गारंटी खुद अल्लाह ने ली हो और जिसके मानने का हुक्म दिया गया हो .....मतलब मुक्कमल और एक और नेक मुस्लिम बनो || 2. तालीम और तकनीक की ओर जल्दी और तेजी के साथ दौड़ो क्योंकि इस समय तलवार नहीं ,एटम का जमाना है संख्या नहीं ,तकनीक का बोलबाला है quality और quantity के फर्क को समझो हर कीमत पर आला तालीम और तकनीक हासिल करो || अब जंगें लाठी डंडों या तलवार से नहीं दिमाग से लड़ी जाती हैं और दिमाग से लड़ने के लिए तालीम और इल्म हासिल करना होगा !! अपना हथियार इल्म को बना लो दोस्तों.. यह ऐसा हथियार है जिसके आगे दुनिया की हर ताकत झुकती है || Dosto is msg ko har muslim group me post karo taki har musalman bhai k pas ye msg pahuche

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