Sunday, June 26, 2016

नेकी

एक काफिला सफ़र के दौरान अँधेरी सुरंग से गुजर रहा था । उनके पैरों में कंकरिया चुभी,
कुछ लोगों ने इस ख्याल से कि किसी और को ना चुभ जाये,
नेकी की खातिर उठाकर जेब में रख ली । 
कुछ ने ज्यादा उठाई कुछ ने कम ।
जब अँधेरी सुरंग से बाहर आये तो देखा वो हीरे थे ।
जिन्होंने कम उठाये वो पछताए कि ज्यादा क्यों नहीं उठाए ।
जिन्होंने नहीं उठाए वो और पछताए ।
दुनिया में जिन्दगी की मिसाल इस अँधेरी सुरंग जैसी है और नेकी यहाँ कंकरियों की मानिंद है ।
इस जिंदगी में जो नेकी की वो आखिर में हीरे की तरह कीमती होगी और इन्सान तरसेगा कि और ज्यादा क्यों ना की ।
नजर अंदाज करों उन लोगों को जो आपकी पीठ पीछे आपके बारे में बातें करते है,
क्योंकि वे उसी जगह है, जहाँ वे रहने के लायक है, 'आपके पीछे'