Monday, April 10, 2017

गुफ्तगू के उसुल व आदाब और अहकाम

गुफ्तगू के उसुल व आदाब और अहकाम


फुजुल_बात_चीत_की_मुमानियत

♥फुजुल बातों के बजाए अल्लाह के जिक्र की तरफ माइल रहना चाहिये क्योंकी बेहतरी इसी मे है, हजरत इमाम गजाली ने चार वजहों की बिना पर फुजुल बातों से बचने कि तालीम दी हैं,...

•1)-पहली बात उन्होंने ये ब्यान फरमाई है की फुजुल बात किरामन कातिबीन को लिखने पड़ती है, इसलिए इंसान को फरिश्तो से शर्म व हया करते हुए सोचना चाहिये की इन्हें फूजुल लिखने की तकलीफ न दें,..
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•2)-दुसरी वजह ये है की  ये बात अच्छी नही की बेकार और बेहुदा बातों से भरा हुआ आमालनामा  अपने रब के हुजुर पेश हो, इसलिए फुजुल बातों से दुर ही रहना अच्छा है,

•3)-तीसरी वजह ये है की बन्दे को क्यामत के रोज कहा जायेगा की अपना आमालनामा तमाम लोगो को खुद पढ़कर सुनाये, उस वक्त हश्र की खौफनाक सख्तियां उसके सामने होगी, इंसान प्यास की तकलीफ से मर रहा होगा, जिस्म पर कपड़ा नही होगा, भुख से कमर टुट रही होगी, जन्नत मे दाखिल होने से रोक दिया जायेगा, और हर किस्म की राहत उसपर बन्द कर दी गयी होगी, ऐसे हालत मे अपने ऐसे आमलनामे को पढ़ना जो फुजुल और बेहुदा गुफ्तगू से पुरा हो, किस कद्र तकलीफ दे चीज होगी, इसलिए चाहीये की जबान से सिवाए अच्छी बात के कुछ न निकाले,...

•4)-चौथी वजह ये है की बंदे को फुजुल और गैर जरुरी बातों पर मलामत की जायेगी और शर्म दिलाई जाएगी और बंदे के पास इसका कोई जवाब नही होगा, और अल्लाह तआला के सामने शर्म व नदामत की वजह से इंसान पानी पानी हो जायेगा

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