Friday, April 7, 2017

हज़रत मुहम्मद (स.अ.व.)

हिन्दू/मस्लिम सभी लौग इस पर गौर करें..

मैं बात कर रहा हूँ इस्लाम के आख़िरी नबी हज़रत मुहम्मद (स.अ.व.) की.

👍आप (स.अ.व.) ने औरतों के हक़ में उस वक़्त आवाज़ उठाई जिस दौर में बेटियों को जिंदा दफना दिया जाता था और विधवाओं को जीने तक का अधिकार न था.

👍हाँ ये वही मुहम्मद (स.अ.व.) हैं जिन्होंने एक गरीब नीग्रो बिलाल (र.अ.) को अपने गले से लगाया, अपने कंधों पर बैठाया, और इस्लाम का पहला आलिम मुक़र्रर किया.

👍वही मुहम्मद (स.अ.व.) जिन्होंने कहा की मज़दूर का मेहनताना उसका पसीना सूखने से पहले अदा करो, मज़दूर पर उसकी ताक़त से ज़्यादा बोझ न डालो, यहाँ तक की काम में मज़दूर का हाथ बटाओ.

👍वही मुहम्मद (स.अ.व.) जिन्होंने कहा की वो इंसान मुसलमान नहीं हो सकता जिसका पड़ोसी भूखा सोये, चाहे वो किसी भी मज़हब का हो.

👍वही मुहम्मद (स.अ.व.)
जिन्होंने कहा की अगर किसी ग़ैर मुस्लिम पर किसी ने ज़ुल्म किया तो अल्लाह की अदालत में वो खुद उस ग़ैर मुस्लिम की वक़ालत करेंगे.

👍वही मुहम्मद (स.अ.व.) जिन्होंने अपने ऊपर कूड़ा फेंकने वाली बुज़ुर्ग औरत का जवाब हमेशा मुस्कुरा कर दिया और उसके बीमार हो जाने पर ख़ुद खैरियत पूछने जाते हैं.

👍हाँ वही मुहम्मद (स.अ.व.) जिन्होंने कहा की दूसरे मज़हब का मज़ाक न बनाओ.

👍वही मुहम्मद (स.अ.व.)
जिन्होंने जंग के भी आदाब
तय किये की सिर्फ अपने बचाव में ही हथियार उठाओ.
बच्चे, बूढों और औरतों पर हमला न करो बल्कि पहले
उन्हें किसी महफूज़ जगह पहुँचा दो.  यहाँ तक की पेड़ पौधों को भी नुकसान ना पहुचाने की हिदायत दी.

उसी अज़ीमुश्शान शख्सिअत के बारे में लिखते लिखते कलम थक जायगी मगर उसकी शान कभी कम न होगी.  उन पर हमारी जान कुर्बान.

सभी धर्म के भाइयों को बताना चाहुंगा कि अगर कोई इन्सान गलती करता हे तो वो इन्सान बुरा होता है उसका धर्म/मज़हब नही.

21 वीं सदी मे बहुत ऐसे लोग हैं जो दुनिया मे इतना मग्न हो गये है कि जिनको खुद इस्लाम की नोलैज नही हे तो बो बच्चो को क्या इस्लाम के बारे मै बताऐंगे.

याद रखो... इस्लाम 100% पाक ओर साफ मज़हब हे.  किसी के कहने सुनने पर इसे बुरा ना कहो और अब भी अगर आपके दिमाग मे इस्लाम को लेकर कोई गलतफैमी है तो आप खुद मुहम्मद (स.अ.व.) की जीवनी (लाइफ हिस्ट्री)
पड़कर देखें... आपको जर्रा (पौइंट) बराबर भी गलती नजर नही आयेगी..!!!
अगर कोई मुस्लिम गलती/बत्तमीजी करता दिखे तो आप उससे सिर्फ इतना बौलना की क्या नबी मुहम्मद (स.अ.व.) ने आपको यही सिखाया है? तुमको नबी का ज़रा भी डर नहीं.?

सच्चा मुसलमान होगा तो शर्म से पानी पानी होकर तौबा कर लेगा..!!!!

प्लीज आपसे रिक्वेस्ट है कि इस मेसेज को फौरबर्ड कर इस्लाम के लिये जो लोगो के दिल-औ-दिमाग मे नाइत्तिफाख़ी/बुराई हे उसे दूर करने मे हमारी मदद करें...

अगर आप ईमान वाले हैं तो प्लीज दोस्तों शेयर ज़रूर करें ताकि हर मुस्लिम हर गैर मुस्लिम के पास ये सन्देश पहुंचे -

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